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भोपाल-जबलपुर में कोल्ड वेव

Receiver News Team
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Friday, February 3, 2023, 02:06 PM
kohra

मध्यप्रदेश में एक बार फिर तेज ठंड का दौर गया है। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पारे में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट आई है। कई जगहों पर फसल, पेड़-पौधों पर ओस जम गई। वहीं, हिल स्टेशन पचमढ़ी, नौगांव और खजुराहो में सबसे ज्यादा ठंड दर्ज की गई है। ऐसा ही मौसम अगले कुछ दिन रह सकता है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भोपाल, उमरिया, जबलपुर समेत सात जिलों में कोल्ड वेव चलने और उज्जैन-रतलाम सबसे ठंडे होने की संभावना जताई है।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद वहां से यहां बर्फीली हवा रही है। अगले 24 घंटे में उमरिया, जबलपुर, बालाघाट, सागर, भोपाल, राजगढ़ और रतलाम जिलों में शीतलहर चलेगी। उज्जैन और रतलाम में कोल्ड-डे रहने का अनुमान है। कोल्ड-डे की वजह से दिन-रात का तापमान आसपास ही रहता है।

प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी की लगातार दूसरी रात सबसे ठंडी रही। यहां रात का तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा बैतूल में 7.5, भोपाल में 8.4, दतिया में 6.6, धार में 9.3, ग्वालियर में 7.8, रायसेन में 6.2, राजगढ़ में 7.4, रतलाम में 9.6, उज्जैन में 7.0, छिंदवाड़ा में 5.7, दमोह में 7.6, जबलपुर में 7.3, खजुराहो में 8.4, मंडला में 7.2, नोगाव में 7.1, रीवा में 6.4, सागर में 9.4, सतना में 7.9, उमरिया में 4.6, मलानखंड में 5.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

 

यहां की रात सबसे ठंडी
रात के पारे में फिर से गिरावट हो रही है। पचमढ़ी, उमरिया, रायसेन और राजगढ़ में पारा काफी गिर गया। वहीं, भोपाल में फरवरी सबसे ठंडी दर्ज की जा रही है।

 

कोल्ड डे के करीब इंदौर भी
इंदौर में फरवरी का पहला दिन कोल्ड डे के करीब पहुंच गया था। 6 से 20 किमी की गति से चली हवा ने दिन का पारा 23.4 डिग्री पर ला दिया था। यह सामान्य से 4 डिग्री कम रहा। रात का तापमान 8.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। अगले चार से पांच दिन तापमान कम ही रहेगा।

 

नया सिस्टम
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ  15 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में 65 डिग्री देशांतर के सहारे मध्य क्षोभमंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप में समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर धुरी बनाते हुए सक्रिय है।

साथ ही, प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण  दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है। 2 फरवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि, इसका मध्यप्रदेश में असर नहीं रहेगा। यह दो फरवरी से एक्टिव हो गया।

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